गरीब आदमी निर्धन बंदा धन पैसे बिन खाली
आगे जाणै के दुख होगा तू किसकी गेल्यां चाली रै
किसकी गेल्यां चाली
अरै न्यू तै मैं भी जाण गया तणै भाग लिखा लिया खोटा
होणा पीहर सासरा टोडा, जब हो मरहम मलोटा
उस गोरी का के जीणा हो जिसका बालम छोटा
इसे मेल तै मेल किसा जिकै अन्न वस्त्र का टोटा रै
अन्न वस्त्र का टोटा
तू बांध कांगना भर कै चाह मैं बंदड़ी बनगी ब्याहली
आगे जाणै के दुख होगा तू किसकी गेल्यां चाली रै
किसकी गेल्यां चाली
अरै साच्ची बात बखत पै कहदे इसमें के चोरी हो
चोरी करे तो ठीक ठिकाणे एक लिकडण नै मोरी हो
घोड़ा जोड़ा रै खड़ा दुशाला संग छैली गोरी हो
ब्याह तो सुथरा जब लागे एक धन माया की बोरी हो
धन माया की बोरी हो
लखमी चंद कह ब्याहला बणता या राखे दुख कंगाली
आगे जाणै के दुख होगा तू किसकी गेल्यां चाली रै
किसकी गेल्यां चाली।।