आख़िर मैं कैसे अपने इश्क़ को नापूं,
इश्क़ की कोई पैमाईश नहीं होती...
दर्द भी मैनें दिल में महफूज़ रखे,
दर्द की इश्क़ में नुमाईश नहीं होती...
याद जब आती है,
आँख भर जाती है...
ख़ैर अपने दिल को हम बहला लेंगें,
दिल ही टूटा है,
यार ही तो रूठा है,
कुछ भी कहके दिल को हम फुसला लेंगें...
दिल जो तूने तोड़ा था,
हँस के रख लिया हमने...
दर्दों का ज़खीरा छोड़ा,
वो भी रख लिया हमने...
ओ ओ ओ ओ...
दिल जो तूने तोड़ा था,
हँस के रख लिया हमने...
दर्दों का ज़खीरा छोड़ा,
वो भी रख लिया हमने...
वाकिफ़ थे अच्छे से हम पर अब है माना,
इश्क़ में कोई फ़रमाईश नहीं होती...
दर्द भी मैनें दिल में महफूज़ रखा,
दर्द की इश्क़ में नुमाईश नहीं होती...
याद जब आती है,
आँख भर जाती है...
ख़ैर अपने दिल को हम बहला लेंगें,
दिल ही टूटा है,
यार ही तो रूठा है,
कुछ भी कहके दिल को हम फुसला लेंगें...
क़ैद होके कमरों में,
छुप-छुप के रोया हूँ,
कितनी ही रातों से,
ना जगा ना सोया हूँ...
ओ ओ ओ ओ
क़ैद होके कमरों में,
छुप-छुप के रोया हूँ,
कितनी ही रातों से,
ना जगा ना सोया हूँ...
ये भी पता था हमको टूटे दिलों की,
टूटे दिलों की कोई ख्वाईश नहीं होती...
दर्द भी मैनें दिल में महफूज़ रखा,
दर्द की इश्क़ में नुमाईश नहीं होती...
याद जब आती है,
आँख भर जाती है...
ख़ैर अपने दिल को हम बहला लेंगें,
दिल ही टूटा है,
यार ही तो रूठा है,
कुछ भी कहके दिल को हम फुसला लेंगें...
Chorus...
याद जब आती है,
आँख भर जाती है...
ख़ैर अपने दिल को हम बहला लेंगें,
दिल ही टूटा है,
यार ही तो रूठा है,
कुछ भी कहके दिल को हम फुसला लेंगें...